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Nutrition, Carbohydrates, Protein, Fats, Vitamin in Hindi, न्यूट्रीशन

पोषण और आहार (Diet And Nutrition)

Issues-and-treatment
पोषण (Nutrition) का महत्व आज जितना महसूस किया जा रहा है वह शायद इससे पहले कभी नहीं किया गया था। यह एक कड़वा सच है की आज हमारे खाने में पोषण की मात्रा अप्रत्याशित रूप से कम हो गई है और इसका सीधा असर हमारी सेहत और जीवन पर पड़ रहा है। हमें इसके बारे में सचेत रहने की आवश्यकता है। आइये जानें पोषण क्या होता है।

कार्बोहाइड्रेट के फायदे तथा नुकसान (Pros and Cons of Carbohydrates)

कार्बोहाईड्रेट वे पदार्थ होते हैं जिनमें कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन होते हैं, इनमें से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन उसी अनुपात में होता है जैसे कि पानी में होते हैं। कुछ कार्बोहाईड्रेट पानी में घुलनशील होते हैं। कार्बोहाईड्रेट के जितने फायदे हैं उतने नुकसान भले न हों, लेकिन अधिक कार्बोहाइड्रेट शरीर को कुछ

प्रोटीन के लाभ और नुकसान (Pros and Cons of Protein)

प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की मरम्मत करना और निर्माण करना होता है। आवश्यकता की कुल कैलोरी 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आनी चाहिए। फिर भी प्रतिदिन प्रोटीन की कितनी मात्रा लेनी चाहिए यह व्यक्ति की उम्र, वजन और उसके रोज के कार्य पर निर्भर करता है। 1 ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरी होती है। अगर कोई प्रतिदिन

विटामिन और मिनरल के फायदे तथा नुकसान (Pros and Cons of Vitamin and Minerals)

विटामिन और मिनरल ऐसे पोषक तत्व हैं, जो शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ जरूरी होते हैं। अधिकतर विभिन्न तरह के भोजन और संतुलित भोजन करने पर विटामिन और मिनरल की पूर्ति हो जाती है। विटामिन दो प्रकार के होते हैं, फैट सॉल्यूबल विटामिन (Fat Soluble Vitamin) और वाटर सॉल्यूबल

गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार (Nutritious food For Pregnant Women)

स्वस्थ भोजन, स्वस्थ और समस्या रहित प्रेग्नेंसी के लिए बेहद जरूरी है। गर्भवती महिला को अपन गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर सचेत रहना चाहिए। नौ माह की गर्भावस्था, बहुत सी महिलाओं के लिए आसान नहीं होती। इस दौरान शरीर तो कई बदलावों से गुजरता ही है साथ ही मन की स्थिति भी बदलती

बच्चों के लिए पौष्टिक आहार (Nutritious Food for Kids)

स्वस्थ खाना, बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास (Physical and Mental Development of Kids) के लिए बेहद जरूरी है। स्वस्थ खाने से बच्चे ऊर्जावान बने रहते हैं तथा बच्चों का दिमाग भी तेज होता है। बच्चों में स्वस्थ खाने की आदत भी परिवार के सदस्य ही डाल सकते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि बच्चों को हर खाद

वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान (Diet Plan for Weight Gain)

ऐसा नहीं है कि केवल वजन घटाने वाले ही परेशान हैं, ऐसे लोगो की संख्या भी कम नहीं जो वजन बढ़ाने के लिए आए दिन कोई न कोई नुस्खा अपनाते रहते हैं लेकिन उनका वजन बढ़ता नहीं। अपने दुबलेपन से इतने परेशान हो जाते हैं कि कई पर अवसाद से घिर जाते हैं। यह भी एक सच है कि अत्यधिक दुबलापन भी पूरी पर्सनेलिटी को बिगाड़

वजन घटाने के लिए डाइट प्लान (Diet Plan for Lose Weight)

आजकल की लाइफ स्टाइल में मोटापा अभिशाप बन गया है। हर कोई खुद को पतला दिखाने के लिए न जाने कैसे कैसे जतन करने में लगा है लेकिन मोटापा कम करना इतना आसान नहीं है। कड़ी मेहनत करने, भूखा रहने और जिम में घंटों पसीना बहाने के बावजूद भी चर्बी कम नहीं होती है। शरीर से फैट कम करने के लिए इन सबके अलावा भी कुछ च

संतुलित भोजन (Balanced Diet)

संतुलित भोजन (Balanced diet) या बैलेंस डाइट वह है जिससे शरीर को सुचारू रूप से चलने के लिए संपूर्ण पोषण मिल सके। संतुलित भोजन के लिए हर रोज शरीर की जरूरत के हिसाब से कैलोरी, विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट लेना जरूरी होता है। पोषक तत्वों के अभाव में व्यक्ति का शरीर कमजोर होने लगता है और अलग- अलग ब

पोषण एवं आहार विज्ञान में करियर (Career opportunities in nutrition and food science)

आहार विज्ञान (Information on Nutrition Sciences) आहार विज्ञान पोषण के सिद्धांतों पर आधारित मनुष्य के भोजन का विज्ञान एवं कला है। इसे ‘‘मनुष्य की पोषणिक देख-रेख का विज्ञान एवं कला” भी कहा जाता है। आहार किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य तथा स्वस्थता वर्धन में एक अहम भूमिका निभाता है। एक अच्छे तथा संतुलित आहा

महिलाओं हेतु 10 पोषक तत्व (10 Nutrients for Females)

हम सभी के शरीर में पोषक तत्वों की आवश्यकता एक समान नही होती है, खासतौर पर महिलाओं की क्यूंकि एक स्त्री के संपूर्ण जीवन में पुरुषो की अपेक्षा उनके शरीर में अनेक बदलाव आते है। आइएं जानें ऐसे 10 पोषक तत्वों के बारें में जो एक महिला के लिए जरुरी हैं। 1. फोलिक एसिड (Folic Acid): यह तत्व एक महिला के ज

प्रोटीन के कार्य (Functions of Proteins)

शरीर के ऊतकों की मरम्मत और उनकी रक्षा करना। प्रसरणीय दाब कायम रखना। स्त्री को द्रुग्धसवान काल में दुग्ध निर्माण के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन शक्ति प्रदान करती है। गर्भवस्था में भूणिया विकास। प्रोटीन के पेशियों, शरीर के अंगो, अंतः स्त्रावी अथवा नलिकाहीन ग्रंथियों अस्थि आ

प्रोटीन (Protein)

प्रोटीन परिवर्तित मात्राओ में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, सल्फर, तथा नाइट्रोजन से बनी जटिल कार्बनिक (organic) नाइट्रोजन युक्त योगिक होती है जो प्राकृतिक रूप में पेड़- पोधो और जन्तुओ में पाई जाती है। एक युवा व्यक्ति में शरीर के भार का लगभग 20% प्रोटीन होता है। शरीर को 7 से 15% शक्ति प्रोटीनों स

लघुपोषक (Micronutrients)

लघुपोषकों के अंतर्गत विटामिनों एवं खनिजों का समावेश होता है। बहुत सुक्षम मात्राओ में इनकी आवश्यकता होने के कारण इन्हे लघुपोषक कहा जाता है। इनकी आवश्यकता 1 मिलीग्राम के अंश से लेकर कुछ ग्राम तक होती है। शरीर की कोशिकाओ एवं ऊतकों के उपयुक्त्त चयापचय एवं उनके ठीक प्रकार से कार्य करने के लिए इनकी आवश्य

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