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Fat Transfer for Body Parts in Hindi, फैट ट्रांसफर
Fat Transfer For Body Parts

इन अंगों पर कराएं फैट ट्रांसफर और दिखें खूबसूरत व आकर्षक (Fat Transfer For Body Parts)

फैट ट्रान्सफर (Fat Transfer) की प्रक्रिया बढ़ती उम्र के प्रभाव से हो या प्राकृतिक तौर पर ही आपके हाथ या चेहरे का कोई हिस्सा ढीला या पिचका हुआ या लटक गया हो तो उसे भरा हुआ दिखाने के लिए की जाती है। इसके तहत आपके शरीर के चर्बी वाले हिस्से से कुछ फैट लेकर जरूरी स्थान पर इंजेक्ट किया जाता है। जिससे खूबसूरती भी बढ़ती है और त्वचा जवां भी नज़र आती है।

चेहरे में गालों को भरा हुआ दिखाने, जबड़े और आँखों के नीचे की त्वचा को सुधारने के लिए फैट ट्रान्सफर की प्रक्रिया की जाती है। वहीं हाथों को खूबसूरत दिखाने में भी यह प्रक्रिया सहायक है।

शरीर में फैट ट्रान्सफर के हिस्से (Fat Transfer for Body Parts)

1- चेहरे के लिए (For Face)

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे डर्मिस (बाहरी त्वचा के अंदर का हिस्सा) पतली होने लगती है। जिससे चेहरा पतला और त्वचा लटकी हुई नज़र आती है। फैट ट्रान्सफर से ढीली और लटकी हुई त्वचा को वसा देकर कसाव लाया जाता है जिससे खूबसूरती तो बढ़ती ही है, साथ ही त्वचा ज्यादा जवां दिखाई देती है।

2 - ब्राज़ीलियन बट लिफ्ट (Brazilian But Lift)

कूल्हों का साइज़ बढ़ाने और ज्यादा उभार देने के लिए बट लिफ्ट की जाती है। इसमें वसा को कूल्हों में इंजेक्ट किया जाता है जिससे वह परफेक्ट शेप में नज़र आएं।

3- हाथ (Hand)

हाथों को ज्यादा जवाँ और भरा हुआ दिखाने के लिए फैट ट्रान्सफर की प्रक्रिया की जाती है। इससे हाथों पर लटकी हुई खाल में कसाव आता है और हाथ ज्यादा भरे हुए नज़र आते हैं।

4- हिप एन्हांसमेंट (Hip Enhancement)

कूल्हों को चौड़ा दिखाने के लिए फैट ट्रान्सफर किया जाता हैं। संकुचित कूल्हे वाली महिलायें इस प्रक्रिया को करवाती हैं जिससे शरीर का शेप मेन्टेन नज़र आये।

5- ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्शन (Breast Reconstructions)

स्तनों को उभार देने के लिए ब्रैस्ट में भी फैट ट्रान्सफर किया जाता है।

फैट ट्रान्सफर के लाभ (Benefits of Fat Transfer)

फैट ट्रान्सफर एक कॉस्मेटिक उपचार (Cosmetic Treatment) है जो कि प्राकृतिक है, अलग अलग हिस्सों में किया जा सकता है और सुरक्षित भी है। फैट ट्रान्सफर चेहरे को खूबसूरत बनाने के लिए अब लोकप्रिय प्रक्रिया बन चुकी है, खासकर ऐसे लोगों के लिए जो संवेदनशील हैं और एलर्जी की चपेट में जल्दी आते हैं क्योंकि इसमें एलर्जी का कोई खतरा नहीं होता।

रिस्क (Risk of Fat Transfer)

इसमें रिस्क बहुत कम और रेयर हैं। प्रभावित स्थान पर सूजन हो सकती है या एनेस्थीसिया (Anesthesia) के रिएक्शन से एलर्जी संभव है। इसके अलावा परिवर्तित रक्त कोशिकाओं के चलते त्वचा के रंग में फर्क आ सकता है। इसलिए हर स्तर पर सावधानी बेहद जरूरी।

फैट इंजेक्शन की जरूरत क्यों? (Need of Fact Injection)

  • यदि आपके चेहरे पर सिलवटें आ गई हैं और त्वचा पतली होकर लटकने लगी है। इस स्थिति में फैट इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है
  • आप फिलर्स से बेहतर परमानेंट परिणाम चाहती हैं। तो यह कराएं।
  • जवां दिखना चाहती हैं। तो अपना सकती यह इंजेक्शन।

फैट ट्रांसफर प्रक्रिया (Process of Fact Transfer)

इस प्रक्रिया में ट्रीट किये जाने वाले हिस्से को एनेस्थीसिया देकर सुन्न किया जाता है। इसमें मरीज को पूरी तरह बेहोश करने की जरूरत नहीं होती है। एनेस्थीसिया से एलर्जिक लोगों को बाद में थोड़ी परेशानी हो सकती है। इसलिए चिकित्सक और सर्जन का परार्मश जरूरी है।

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